फूल, सबको संबारते।
फूल, सबको संबारते।
ये ऐसी कुदरती देन,
कभी किसी को नहीं पहुंचाती ठेस,
हर किसी को संबारती,
अपनी सुंगध से मैहकती,
सबको आकर्षित करती,
सबके काम आती।
अगर दो प्रेमिका को,
तो प्रेम की शुरुआत हो,
अगर भगवान पे चढ़ाओ,
तो भगवान खुश हो,
अगर किसी प्रतिष्ठित इंसान को दो,
तो वो गदगद मैहसुस करें,
अगर शादी में उपयोग करो,
तो वहां खुशीयां बिखेरे,
अगर किसी की अंतिम यात्रा पे डालो,
तो मातम में भी साथ देंवे।
ये खुद मिट जाए,
औरों को प्रसन्नता से भर जाए,
ये है इसकी अनुभूत कहानी,
फूलों ने हमेशा,
औरों की जिंदगियां संवारी।