पहले प्यार की खुशबू।
पहले प्यार की खुशबू।
अंकित हैं नोटबुक के आखिरी पन्ने पर,
वो नाम सालों बाद भी ,
रास्ते में रूक कर इंतजार करना,
साथ में होमवर्क करने की बेसब्री !
वो टीचर के डाँटने पर साथ में रोना,
बगल वाली सीट पर बैग रख राह ताकना,
कितना बचकाना था ना,
उसे नजर चुरा कर देखना।
वक्त गुजरा और छूट गया सब पीछे,
रह गयी बाते अधूरी सारी,
किसी डेट में वो बात नहीं आयी,
जो कभी टूशन साथ चलने में थी !
ना महंगे तोहफों में ख़ुशी वो रह गयी,
जो एक कागज से ग्रीटिंग में थी,
था फोन पर बात करना खतरों से खेलने की तरह,
मन ही नहीं होता अब फोन छूने को।
कितनी शैतान थी वो मुस्कुराहट भी,
जो उसे नजर भर देख लेने से आ जाती बेशर्म बन,
उसके पास आने पर धड़कनों का रेस लगाना,
अब नहीं होता किसी को भी देख शर्माना !
डायरी के पन्नों में महसूस हुआ आज,
ताजा हैं सालों बाद भी उसकी महक ,
शायद अब भी उस सूखे गुलाब में रहती हैं,
वो पहले प्यार की खुशबू।

