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Shayra dr. Zeenat ahsaan

Romance

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Shayra dr. Zeenat ahsaan

Romance

पहला प्यार

पहला प्यार

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विदा ले रहा सूरज

नीचे उतर आया है,

पर मैं जाना नहीं चाहती

तुम्हारे पास बैठी मै तुम्हारी सांसो को महसूस कर रही हूं,

हवाएं ठंडी हो चली हैं,

तुम हाथों में की रिंग घुमाते

बहाने बहाने से मुझे छू लेते हो,

मैं हर बार मुस्कुराती पलकें लिए

धड़कनों की आवाज़ रोकती हूं ,

कहीं तुम सुनना लो,

मेरे गालों पर लाली उभर आई है

पर दिल चाहता है,

तुम और और करीब आ जाओ

मैं चोर नज़रों से तुम्हें देखती कह उठी ,

अब जाना होगा,शाम हो रही है।

तुम भर नज़र मुझे देखते हो,

फिर कहते हो "सच!जाओगी"

तुम्हारी आंखों में शरारत है

मैं मुस्कुरा देती हूं।

तुम्हारी सांसे मुझे छू रही हैं,

तुम्हारे जिस्म से आती संदल की महक

मुझे मदहोश किए जा रही है,

हम कितनी बार एक दूसरे को देखते हैं और महसूस करते हैं।

वो हमारी आखरी मुलाकात थी,

पर तुम अब भी मेरी यादों में चले आते हो और मै सोचती हूं,

क्या तुम मेरा पहला प्यार थे.?



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