फिर से करे मोहब्बत शुरु
फिर से करे मोहब्बत शुरु


आओ फिर से करे मोहब्बत शुरु
बैठे दो पल एक दूसरे के रुबरु,
आँखों से कहे वो जो,
लब्ज़ नहीं कर पाते शुरु
हाथों में हाथ लेकर हम
फूलों से करे तन्हा गुफ्तगु,
आओ फिर से करे मोहब्बत शुरु
बैठे दो पल एक दूसरे के रुबरु,
गुज़र जाये हर गम अभी
खुशियां हो करे ये ही जुस्तजू ,
वादों पर निभाए ये ज़िंदगी
तुझसे ही हर राह फिर हो मेरी शुरु,
आओ फिर से करे मोहब्बत शुरु
बैठे दो पल एक दूसरे के रुबरु।