फिल्मो की भी क्या बात है?
फिल्मो की भी क्या बात है?
फिल्मो की भी क्या बात है ?
उसके वजह से हसी सुबह और रात है
फिल्मे हमे क्या कुछ नहीं सिखाती ?
दुनिया की तसवीर हे हमें दिखाती।
हीरो देख मै बन जाता हीरो
ख्वाब में विलन को बना देता जीरो।
हिरोईन मेरे आती सपनों में
दिखती वह मुझे अपनों में।
समझता हूँ मैं यह सब दिखावा है
पर फिल्मों का मजा ही निराला है।
