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Prashant Subhashchandra Salunke

Romance

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Prashant Subhashchandra Salunke

Romance

भूल मत तेरा प्यार हूँ में

भूल मत तेरा प्यार हूँ में

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तू भूल मत तेरा प्यार हूँ में 

क्यों मुस्कराती हो इतना ?


क्या मालूम नहीं में हो रहा घायल

देखो मत एसी कतराती नजरो से..


कही हो न जाऊँ में पागल 

रूठकर क्यों जुल्म ढाती हो.


क्या याद नहीं मैं कौन हूँ ?

पगली, तू भूल मत तेरा प्यार हूँ मैं।


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