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Prashant Subhashchandra Salunke

Children

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Prashant Subhashchandra Salunke

Children

एकबार दिखा उडन खटोला

एकबार दिखा उडन खटोला

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एकबार दिखा उडन खटोला

उस में से निकला एलियन मुटला

हम सब देख उसे भागे।


वह पीछे हम सब आगे

राह में उसके जो आता वह खाता

देख उसे हमारा जी घबराता

केसे टाले? यह करते सोच विचार

हम सब भाग रहे थे होक लाचार।


उतने में एलियन ने दी पुकार

सून उसे हमने दी हूँंकार

भाग भाग के हम ढके

पास आए पथ्थर पर बेठे

एलियन आया पास हमारे

और बोला हम सब एक है।


जिससे भागे थे उसकी सोच थी बढिया

जिसे समज बेठे थे आफत की पुड़िया।

एलियन ने प्यार से मुझे उठाया

और खेल रहा जैसे में हूँ गुड़िया।


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