कलम
कलम
कलम दिखाती है सपने
सबके विचार अपने अपने
लिखती हूं मैं एक नई कविता
जिसमें होती है नवीनता
जब उठाती हूं मैं कलम
टूट जाते है ज़िन्दगी के कई भ्रम
कलम दिखाती है एक नई राह
जीने की एक नई चाह
कलम दिखाती है मुझे एक नई दुनिया
हो जाती हूं मैं काफी विलीन
काफी मिलता है लिखने को
जब चलती है कलम की बीन
कलम है मेरी डोर
जिसको मैं फैला सकती हूं
विश्व में चारों और
दिखा सकती हूं सबको मैं
कलम का जिद्दू और ज़ोर ।
