मां: खूबसूरत एहसास...!!!!
मां: खूबसूरत एहसास...!!!!
कभी छोटे थे
बचपन था नादानी थी
आज जब वक्त के तराजू में खुद को देखा
तो पाया
बची थी बचपन की वो यादें
कुछ मां के प्यार की निशानी थी
मेरी हर सफलता का कारण मेरी मां है
याद है मुझे
कितने सपनों की लाश जलाई
दी कितनी कुर्बानी थी
मेरी मां की तो सिर्फ समर्पण की कहानी थी
मां है मेरे पास
ये ही मेरे लिए पर्याप्त है
माँ सृष्टि के कण-कण में व्याप्त है
मेरी मां से मेरी सांस है
जीवन की डोर उनसे है
उनसे ही जीवन जीने की आस है
मेरी हर खुशी तब तक है
जब तक मेरी मां मेरे पास है
जब भी हताश हुई, जब भी निराश हुई
दिया मेरी मां ने मुझे विश्वास है
माँ खुद में ही कितना खूबसूरत सा एहसास है
मेरी मां संपूर्ण जगत में सबसे खास है...!!!!
