शपथ
शपथ
भारत माता के सपूत हम,
शपथ आज(26-1-23) हम लेते हैं।
आंच न तुम पर हम आने देंगे,
प्राणों की आहुति दे देंगे। ।
'सर्वे भवन्तु सुखिनः' कहकर हमने रक्षा की मानवता की,
पूजा करते आये हैं वृक्षों और पाषाणो की।
सपथ लिया हमने विश्व शान्ति बनाये रखने की,
पर वक्त पड़ा तो शोणित-धार बहा रक्षा की सीमाओं की।।
लोहा हमने मनवाया न केवल रण के मैदानों में,
करतब हमने दिखलाया खेत और खलिहानों में ।
'झण्डा ऊंचा रहे हमारा 'कर दिखलाया विज्ञान और तकनीकी में,
'कर्म करो' अर्जुन को कृष्ण ने उपदेश दिया गीता में ।।
न हम पर संदेह करो तुम,
हिन्दू, मुस्लिम ,सिख, ईसाई।
भारत माता के सभी सिपाही,
राष्ट्र-यज्ञ में सब मिल देते आहुति अपनी-अपनी।।
धन्य हुये हम जन्म हुआ भारत में,
'भारत माता के सच्चे सपूत हम'
कर दिखलाया दुनिया में
सबको करते वंदन ,सबको करते प्रणाम,
यही परम्परा है भारत में। ।
