माँ शारदे
माँ शारदे
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माँ शारदे,मुझे वर दे
ज्ञान के धन से उर भर दे
न चाहूँ लक्ष्य,जो तुम बिन मिले
अपने मुताबिक,सफर कर दे
चाहूँ न अभिमान मुझमें कभी हो
सम्मान जग में मुझे तू अगर दे
लुप्त हुए रव,सत्य के जग में
मूक जगत में हमें स्वर दे
आदर्श जीवन के हो न कलुषित
सत को समर्पित जीवन कर दें।
