तिल गुड़ के संग
तिल गुड़ के संग
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तिल के लड्डू दही चूड़ा खिचड़ी संग
नववर्ष का होता है शुभारंभ।
सूर्य उत्तरायण पूजा अर्चना
संक्रांति से होता है त्यौहार प्रारंभ।।
इस दिन सूर्यदेव अपने पुत्र
शनिदेव से मिलने उसके घर जाते।
इसलिए इस त्यौहार का नाम
सब मकर संक्रांति बुलाते।।
तिल गुड़ दही चूड़ा को मिलाकर
उषा का गंगा स्नान करते।
अधिक पुण्य हो प्राप्त
फल्ली तेल तिल आदि का दान करते।।
काट फसल किसान खुशहाल होते
सूर्यदेव का आभार जताते।
हर जगह का त्यौहार बन जाता
मोक्ष की संभावना प्रबल बनाते।।
