STORYMIRROR

Anupama Sham

Abstract Inspirational Children

4  

Anupama Sham

Abstract Inspirational Children

उम्मीद

उम्मीद

1 min
334

काफी उम्मीदें हैं मुझे अपने आप से

काफी उम्मीदें हैं मुझे अपने किताब से

काफी उम्मीदें हैं मुझे अपने काम से

काफी उम्मीदें हैं मुझे अपने नाम से


काफी उम्मीदें रखते हैं मेरे मां, बाप मुझसे

काफी उम्मीदें रखते हैं मेरे घरवाले मुझसे

काफी उम्मीदें हैं मुझे अपने दोस्तों से

काफी उम्मीदें हैं मुझे अपने रिश्तेदारों से


उम्मीद पर है टिकी जिंदगी

उम्मीद बिना है दुखी जिंदगी

उम्मीद से है चलती जिंदगी

उम्मीद बिना कुछ भी नहीं जिंदगी


कलम बढ़ाएं जा उम्मीद से

कदम बढ़ाए जा उम्मीद से

उम्मीद है सबकी डोर

इसे फैलाओ तुम चारों ओर



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract