जन्मदिन
जन्मदिन
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जब कभी मैं अपनी मां से रूठ जाती हूं,
झूठ मूड का उन्हें सता कर मुस्कुराती हूं !
फिर थोड़ा सा प्यार पाकर मान जाती हूं,
मां के चेहरे पर तब बड़ा संतोष पाती हूं !
अक्सर पूछ लेती हूं माँ से लाड़ में आकर,
ओ मां! क्या तुम्हें मुझ पे गुस्सा नहीं आता?
तो हंसकर गले लगा कर कहती मेरी माता,
गुड्डो, तुझे देख तेरा बचपन है याद आता !
मां की ममता मां का प्यार बड़ा अनमोल,
किसी भी दौलत से ना जाता इसको तोल !
हर जन्मदिन पर मां का प्यार और बढ़ जाता है,
अस्थि मज्जा से जुड़ा मां बच्चे का ऐसा नाता है!
