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V. Aaradhyaa

Children Stories Fantasy

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V. Aaradhyaa

Children Stories Fantasy

जन्मदिन

जन्मदिन

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जब कभी मैं अपनी मां से रूठ जाती हूं,

झूठ मूड का उन्हें सता कर मुस्कुराती हूं !


फिर थोड़ा सा प्यार पाकर मान जाती हूं,

मां के चेहरे पर तब बड़ा संतोष पाती हूं !


अक्सर पूछ लेती हूं माँ से लाड़ में आकर,

ओ मां! क्या तुम्हें मुझ पे गुस्सा नहीं आता?


तो हंसकर गले लगा कर कहती मेरी माता,

गुड्डो, तुझे देख तेरा बचपन है याद आता !


मां की ममता मां का प्यार बड़ा अनमोल,

किसी भी दौलत से ना जाता इसको तोल !


हर जन्मदिन पर मां का प्यार और बढ़ जाता है,

अस्थि मज्जा से जुड़ा मां बच्चे का ऐसा नाता है!



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