राजेश "बनारसी बाबू"
Abstract
अब त्योहारों की रंगत फीकी सी होने लगी है,
लोगों के चेहरे दरबदर बदलने लगे हैं,
अब कहां है ईद दशहरा और दिवाली,
अब मुकम्मल इस पैसों के जहां में,
अब फीकी मुस्कान बसने लगी है।
विषम परिस्थित...
मुझे माफ कर द...
रेलगाड़ी और हम...
रैप सांग (गुज...
अंकिता भंडारी...
ब्रा
रानी लक्ष्मी ...
विश्व पवन दिव...
वर्ल्ड वाटर ड...
होली मुबारक ह...
या मैसेज के ज़रिए ही तुमको पढ़ा दूं ? या मैसेज के ज़रिए ही तुमको पढ़ा दूं ?
नदी प्रेरणा का स्रोत है प्रकृति की अनंत रचना का प्रतीक है। नदी प्रेरणा का स्रोत है प्रकृति की अनंत रचना का प्रतीक है।
बस अपनी मुस्कान का खयाल रखना और हमेशा खुश रहना। बस अपनी मुस्कान का खयाल रखना और हमेशा खुश रहना।
धाइ विदेहँ चले भेंटन अरु भेंटत ही सुर सम्पत पाई ।। धाइ विदेहँ चले भेंटन अरु भेंटत ही सुर सम्पत पाई ।।
जाने क्यों तुमसे मिलने की चाहत बढ़ती जा रही है, जाने क्यों तुमसे मिलने की चाहत बढ़ती जा रही है,
बेचना नहीं है हमको, अपना ईमान। लुटाना अपना घर हमें, पसंद भी नहीं है।। बेचना नहीं है हमको, अपना ईमान। लुटाना अपना घर हमें, पसंद भी नहीं है।।
मुख्य भूमिका इस कहानी में मम्मी के टाइपराइटर की रहती। मुख्य भूमिका इस कहानी में मम्मी के टाइपराइटर की रहती।
बेबस गगन पुकार रहा है, खुद से ही खुद हार रहा है। बेबस गगन पुकार रहा है, खुद से ही खुद हार रहा है।
राम सत्य है अविनाशी है हे राम तु मर्यादा पुरुषोत्तम राम है ! राम सत्य है अविनाशी है हे राम तु मर्यादा पुरुषोत्तम राम है !
मुस्कुराते हुए चलो क्योंकि अब गम को पीछे है छोड़ना। मुस्कुराते हुए चलो क्योंकि अब गम को पीछे है छोड़ना।
ओस और खिलते फूलों की खुशबू, सुबह का इत्र, प्रकृति की बारिश की तरह। ओस और खिलते फूलों की खुशबू, सुबह का इत्र, प्रकृति की बारिश की तरह।
पूछो तो जरा क्या ये देश बापू का नही रहा ? पूछो ..पूछो.. पूछो तो जरा क्या ये देश बापू का नही रहा ? पूछो ..पूछो..
पूर्णात्मा जाना है निज को, तभी दशानन दहन हुआ ! पूर्णात्मा जाना है निज को, तभी दशानन दहन हुआ !
नया- नया साल आया, उमंग खुशी है लाया, बुराई का अंत करो, इस नये साल में। नया- नया साल आया, उमंग खुशी है लाया, बुराई का अंत करो, इस नये साल में।
प्राण-प्रतिष्ठा गर्भगृह में आराध्या प्रभु राम का बाईस जनवरी अयोध्या धाम में ! प्राण-प्रतिष्ठा गर्भगृह में आराध्या प्रभु राम का बाईस जनवरी अयोध्या धा...
अपने श्रम जल के ही दम पर, बन जाता किसान महान। अपने श्रम जल के ही दम पर, बन जाता किसान महान।
अगर टूट गया दिल तो उपचार क्यों करूॅंं। प्रीत लगा कर अब फिर इकरार क्यों करूॅंं।। अगर टूट गया दिल तो उपचार क्यों करूॅंं। प्रीत लगा कर अब फिर इकरार क्यों करूॅंं...
जीतने ना देगी कभी असली-नकली यह दुनिया। जीतने ना देगी कभी असली-नकली यह दुनिया।
और देश दुनिया को ये सुखद संदेश सुनाएं और पहुंचाएं। और देश दुनिया को ये सुखद संदेश सुनाएं और पहुंचाएं।
मैसेंजर में प्रभु कथा वाट्सएप कीर्ति गाथा। मैसेंजर में प्रभु कथा वाट्सएप कीर्ति गाथा।