Sheela Sharma
Inspirational
ज्ञान का बहता दरिया
अप्रतिम सानिध्य
तार से तार रेशा जोड़कर
पहचान बनी
चांद आहें भरे...
देख तेरे संसा...
खूबसूरती
अनुनय
हश्र
मैं और मेरी स...
आईने की सीख
जाग री
हिलोरे प्रीति...
जीवन चदरिया
मानवता अब बची नहीं है पत्थर के इंसानों की! मानवता अब बची नहीं है पत्थर के इंसानों की!
लेकिन सम्मान देने की खातिर हमने कभी फटे में टांग न अड़ाई! लेकिन सम्मान देने की खातिर हमने कभी फटे में टांग न अड़ाई!
घर से पहले देश ज़रूरी है। घर से पहले देश ज़रूरी है।
पर आप घर की चौखट से बाहर हरगिज़ कदम मत रखना पर आप घर की चौखट से बाहर हरगिज़ कदम मत रखना
स्वदेश स्वदेश
जब तुम दुनिया छोड़ जाओगे जब तुम दुनिया छोड़ जाओगे
आत्महत्या करके मत गंवा जीवन रूपी धन को। आत्महत्या करके मत गंवा जीवन रूपी धन को।
मन तो बड़ा चंचल होता है, कभी यहाँ रहे कभी वहां रहे मन तो बड़ा चंचल होता है, कभी यहाँ रहे कभी वहां रहे
सात्विकता मुझसे बरसात और इन्द्रधनुषी छटा मुझसे सात्विकता मुझसे बरसात और इन्द्रधनुषी छटा मुझसे
क्षण में देखा जिंदगी का बदलता अभिराम। क्षण में देखा जिंदगी का बदलता अभिराम।
ऐ इंसान क्या धरती माँ से तेरा कोई सरोकार नहीं ! ऐ इंसान क्या धरती माँ से तेरा कोई सरोकार नहीं !
हद हो गई है रहम करो तुम हद हो गई है रहम करो तुम
ग़म के सागर में डूब जाता जब अंतर्मन तब सांसारिक सुखों का कोई मोल नहीं । ग़म के सागर में डूब जाता जब अंतर्मन तब सांसारिक सुखों का कोई मोल नहीं ।
सब दिन होत न एक समान उतार चढ़ाव चलते रहते ! सब दिन होत न एक समान उतार चढ़ाव चलते रहते !
मोदी जी का व्रह्मास्त्र वार एक तीर से दो शिकार। मोदी जी का व्रह्मास्त्र वार एक तीर से दो शिकार।
किसी के लिये मीठी तो किसी के लिये कड़वी ये पप्पी है। किसी के लिये मीठी तो किसी के लिये कड़वी ये पप्पी है।
क्या पता, कब, आन पड़े, बारिश की झड़ी कुछ लकड़ियां तो रखो, आग जलाने के लिए! क्या पता, कब, आन पड़े, बारिश की झड़ी कुछ लकड़ियां तो रखो, आग जलाने के लिए!
हाँ मैं चुप हूँ ... ऐसा नहीं है कि कहने को कुछ नहीं है हाँ मैं चुप हूँ ... ऐसा नहीं है कि कहने को कुछ नहीं है
कीमती गहना है कीमती गहना है
उसको लज्जित कर दोगे यदि, तो क्या हार न जाओगे तुम ? उसको लज्जित कर दोगे यदि, तो क्या हार न जाओगे तुम ?