STORYMIRROR

SURYAKANT MAJALKAR

Inspirational

2  

SURYAKANT MAJALKAR

Inspirational

फ़ौजी

फ़ौजी

1 min
175


व्यर्थ का हम वक्त गंवाए

समय का मोल समझ न आये


सरहद पर दिन रात खड़े

दुश्मन से है आँख लड़े


छोड़ के अपना घर परिवार

मेरा फ़ौजी करे देश विचार


कभी न कोई ख़्वाब सपना

कभी न खुद के लिए जीना


हम भी थोड़ा करे विचार

छोड़े दूजा धर्म अविचार


आपस में नित्य पले प्रेम भावना

यही ले हम उनसे 'प्रेरणा'



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational