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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Fantasy

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Fantasy

फागुन कि फुहार

फागुन कि फुहार

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बासंती बयार रफ्ता रफ्ता

फागुन की फुहार रस्ता रस्ता

होरी की गोरी का इंतजार लम्हा लम्हा।।


आम के बौर मधुवन की खुशबू ख़ास

कली फूल गुल गुलशन गुलज़ार

रफ्ता रफ्ता।।


माथे पर बिंदिया आंखों 

में काजल गोरे रंग पे लाल गुलाल

बैरागी का खंडित बैराग

रफ्ता रफ्ता।।


भेद भाव की टूटती

दीवार गीले शिकवे दर किनार

भांग की ठंडई गुझियों की

मिठास रफ्ता रफ्ता।।


बूढ़े हुये जवान जवां जज्बा

आसमान रफ्ता रफ्ता।।

खेतों में झूमती बाली

सरसों के पीले फूल

महुआ की महक सुगंध

रफ्ता रफ्ता।।


सूरज की बढ़ती शान

नदियों की कलवरव तान

जोगीरा फाग रफ्ता रफ्ता।।


अमीर गरीब ऊंच नीच 

प्रेम रंगों के संग पंख परवाज

रफ्ता रफ्ता।।

दिल की चाहत का वर्ष

इंतज़ार लाया बसंत बाहर

जीवन के दिन चार होली

हर्ष हज़ार रफ्ता रफ्ता।।


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