फागुन आया !
फागुन आया !
फागुन आया संग अपने
रंगीली होली लेकर आया !!
रंग-बिरंगे इन रंगों की
उड़ रही ये गुलाल देखो
जियरा पुकारे है तुमको
सजन अब तो आजा रे !
फागुन आया... !!
जब से तुम गए परदेस
यहां रह गए अकेले हम
तुझ बिन दिन लगे बेगाने
रातें भी हो गई पराई !
फागुन आया... !!
मन-चातक है प्यासा
तुझको पुकारे दिन रैना
अब तक ना आई चिट्ठी
ना ही कोई खबरिया !
फागुन आया...!!

