पेन्शन नहीं तो वोट नहींबना
पेन्शन नहीं तो वोट नहींबना
बना B.L.O. जब से शिक्षक,
भरने लगा वोटो से तेरा संदूक!
ढूँढे हमने नऎ-नऎ वोटर,
करके सर्वेक्षण डोर-टु-डोर हरघर.
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करवाये ईलेक्शन, हमारी ही निगरानी में,
बैठ गए बडे नेता सत्ता के सिंहासन पे.
रखी नींव हमने ही तुम्हारे पेन्शन की,
और छीन रहे हो तुम ही, हमारी रोटी हक की!
मिला नहीं जो हमें हमारा पेन्शन,
तो रखना याद, देंगे तुमको हार का टेन्शन!
चाहिए नहीं अब कोई 10-14℅ का ऐहसान,
अब तो, लेकर ही रहेंगे हमारे हक का पेन्शन.
