पेड़ प्यार का
पेड़ प्यार का


एक बीज प्रेम का बोयेंगे
हम दोनों प्यार में खोकर
अंकुरित होकर बीज वही
बन जाये पेड़ बड़ा होकर
तोड़ के दुनिया के बन्धन
तुम मुझसे मिलने आना
मिल बैठेंगे उसी के नीचे
हम गाने को प्रेम तराना
हर बार उस पेड़ के नीचे
जब मिलकर गाऐंगे गाना
फूल प्यार का मेरे आंगन
खिल के ही रहेगा जाना
इस बगिया जो खिलेगा
प्यार की निशानी होगी
हमारा जब वो नाम करे
दुनिया भी दीवानी होगी
सदियों से ही होती आई
रुसवाई केवल प्यार की
पेड़ प्यार का सीचेंगे हम
न छोड़ेंगे कलाई यार की।