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सोनी गुप्ता

Abstract

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सोनी गुप्ता

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पेड़ का दर्द

पेड़ का दर्द

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पेड़ चुपचाप बैठा है ,पूछ रहा मानव से ,

क्यों तुम दानव हो ?हम देते तुमको ,

कितनी चीजें ,फल और फूल निराले ,

पर क्यों तुमने हमारे ऊपर हथियार मारे II


कई बार सुना है तुम्हारे ही मुख से ,

कहते रहते पेड़ हमारे रक्षक हैं ,

फिर भी तुम हमारे भक्षक हो ,

पूजा तुम हमारी करते हो

फिर चोट क्यों हमें पहुँचाते हो ?


कहते हम मत पहुँचाओं चोट हमें ,

हमें भी दर्द होता है ,दुखता दिल हमारा है I

जहाँ -कहीं भी हमें लगा दो ,

जीवन की रक्षा हमेशा जरुर करेंगे हम ,


हम है उपयोगी तुम्हारे लिए

तुम समझो इसका मोल

पेड़-पौधें हैं जीवन के लिए अनमोल

जीने का हक़ सबको है

मानव हो मानवता मत भूलों तुम II



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