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Achyut Umarji

Tragedy Inspirational

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Achyut Umarji

Tragedy Inspirational

पैसा, रुपया

पैसा, रुपया

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एक जमाना था...

जहां रिश्तों का महत्व था...

हमारे बचपन तक...

यही सिलसिला था...।।१।।


अब हमारी अगली पीढ़ी...

हमें जो सीख मिली...

हमने उन्हें वहीं सीख दी...

पर जमाना बदल गया है...।।२।।


तेज रफ्तार से...

जमाना बदल गया है...

रिश्तों का महत्व कम हो गया है...

कागज जमा करने में...

इंसान को गया है...।।३।।


कम से कम समय में...

इंसान ज्यादा बटौरना चाहता है...

वक्त कम है मानो उसके पास...

पूंजी बढ़ाने में व्यस्त हो चुका है...।।४।।


पढ़ाई के बहाने...

देश छोड़, परदेश जा रहा है...

ज्यादा पैसे रुपये क्या रहा है...

खाना ठीक नहीं रख पा रहा है...

खुद को तंदुरुस्त नहीं रख पा रहा है...।।५।।


पैसे से सब कुछ खरीदा जा सकता है...

अपनों का प्यार नहीं दे सकता है पैसा ...

मूल्य बदल गये हैं...।।६।।


मेरा मानना है...

पैसा सब कुछ नहीं है...

हां पर फिर भी...

सब कुछ में...

पैसा बहुत कुछ है।।७।।


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