पापा एक बंदूक दिला दो
पापा एक बंदूक दिला दो
मुझको एक बंदूक दिलवा दो
मैं सीमा पर लड़नेजाऊँगा
चाईना कॊ सबक सिखाऊँगा
उसे उसकी औकात बताऊँगा
उन बौने बौनेचीनियों कॊ
सीमा पर धूल चटाऊँगा
उस जिंगपिंग की औकात क्या
उसे नानी याददिलाऊंगा
सुनों पापा पापासुनों सुनों
मुझको एक बंदूक दिलवा दो
मैं सीमा पर लड़ने जाऊँगा ॥
मैं मात्र भूमि कीचरणों मे
नित्य अपना शीश झुकाऊँगा
जो नजर भारतपर डालेगा
उसका शीश काटले आऊँगा
उस पाकिस्तानकॊ मैं फिर
ऐसासबक सिखाऊँगा
वो भूल गया हम बाप उसके
छठी का दूध याद दिलाऊंगा
उस चाईना की हस्ती क्या
मैं उस कॊ मैं ये समझाऊँगा
सुनों पापा पापासुनों सुनों
मुझको एक बंदूक दिलवा दो ॥
सुनों पापा पापा सुनों सुनों
अपना तो यही "लक्ष्य" हे
ना बनना नेता अभिनेता मुझे
माँ भारती के चरणों में
तन मन अर्पण करना मुझे।
