पालतू पशु या पक्षी
पालतू पशु या पक्षी
सेवा संग हमें दे जाते ,
प्रेम पगा व्यवहार है !
यही पालतू पशु खग अपने ,
अजब गजब संसार है !!
मोह पाश ने जग को बाँधा ,
रिश्तों की बस डोर है !
कहीं विवशता का बंधन है ,
कहीं नेह का छोर है !
खुशियाँ हमको वहीं मिली है ,
जहाँ गए दिल हार हैं !!
पाल रहे जो रिश्ते बंधन ,
निभा रहे हम संग है !
यही मनुजता कहलाती है ,
भेद न मन में द्वंद है !
पशु पक्षी सहयोगी सदा से ,
बाँटे खुशी अपार हैं !!
बंधन नहीं उन्हें बाँधे हैं ,
भाषा का भी फेर है !
वे भी जाने प्रेम अनूठा ,
जिसकी रहती टेर है !
आपस में सहकार ज़रूरी ,
बस चाहें मनुहार हैं !!
रख रखाव में भेद नहीं हो ,
अपनेपन की खोज हो !
बंधनमुक्त सभी को रहना ,
खुशहाली हो मौज हो !
जीवन में सद्भाव रहा तो ,
सबका ही सत्कार है !!