ओस
ओस
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ओस की इक बूँद जीवन की क्षणभंगुरता समझा गई,
न कर गुमान बंदे यह बात हम सब को समझा गई।
यह जग ,यह मोहमाया सब यहीं रह जाएगा
समय अगर बीत गया तो पछताता रह जाएगा।
जो बीत गया उसका मलाल व गम न कर
आज तुम्हारा बेहतर हो यही बस प्रयास कर ।