न्यू इंडिया
न्यू इंडिया
सड़कों पर इंसान बेमौत पिट रहा है
मेरे न्यू इंडिया में अब रोज खतरा है।
वो वहशी दरिन्दे बेखौफ घूमते हैं
राम का नाम लेकर कमजोरों को पीटते हैं।
नफरत की आग अब इस कदर फैल गयी है
सड़कों पर रोज मौत की खबर न अब नई है।
इंसानियत न जाने कहाँ खो गयी है
न्यू इंडिया में देखो हर तरफ भुखमरी है।
कहीं मासूम मर रहे हैं, कहीं शौहर मर रहे हैं
न्यू इंडिया में देखो करतब ये अब नए हैं।
सब मौन हो गए हैं लगता है सो गए हैं
न्यू इंडिया के वासी कितने स्वार्थी हो गए हैं।
आंखों पर लगा के चश्मा बस झूठ दिख रहा है
न्यू इंडिया में देखो सब कुछ ही बिक रहा है।
इतिहास बिक रहा है, संस्थान बिक रहे हैं
विकास की आड़ में पेट कट रहे हैं।
न्यू इंडिया में देखो पानी की है लड़ाई
सब नदियां सूख गयी न कहीँ कोई सुनवाई।
हर तरफ बस प्रचार पर पैसा बहाया जा रहा है
न्यू इंडिया में मीडिया सर्कस दिखा रहा है।
न्यू इंडिया में आपको सब कुछ नया मिलेगा
पर मेरे देश का भाईचारा अब सपनों में ही दिखेगा।