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Indu Kothari

Abstract

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Indu Kothari

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नववर्ष

नववर्ष

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यह नववर्ष सबको दे उत्कर्ष

घर घर खुशियों की बहारें हो 

जग में न कोई दुखियारा हो

जीवन में सबके उजियारा हो


कहीं न कोई रात ,काली हो

जग में हर दिन नई दिवाली हो

हर तरफ मखमली हरियाली हो

सभी के जीवन में खुशहाली हो


 बागों में बहारें हों

आंखों में उम्मीदों के सितारे हो

राह सभी की निष्कंटक हो

जीवन में न कोई संकट हो


हृदय भरा हो करुणा से

कहीं न कोई रुग्ण दिखे

बड़ों का आशीर्वाद मिले

नववर्ष की नव आस लिए।


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