नव हम ,नव तुम,नव युग
नव हम ,नव तुम,नव युग
नई शुरुआत
उम्मीद की आहट
लबों में मुस्कुराहट
दिल में उमंग
सपनों की तरंग
क्या हुआ जो विपदा आई थी
प्रलय के बाद ही तो नई सृष्टि जन्म पाई थी
हमने तो बदल दिया आपदा को अवसर में
सहयोग से मिला साथ क्षण क्षण में
इस महामारी ने ही सिखलाया
पाठ नए
इसके ही कारण मिला मानवता का नया परिचय
करुणा देखी , साहस भी
जीने के सीखे नए मायने
अनेकता में एकता की शक्ति देखी
मिले खुद के नए आईने
कभी पुरानी यादें देखी
कभी की भविष्य की तैयारी
हार गई मानवता के आगे
वो भयंकर बीमारी
चिकित्सकों ने जवानों सा साहस दिखाया,
और जवानों ने चिकित्सकों सी करुणा
आया हर कोई साथ जब मानवता पे संकट आया
जितना भी बुरा हो समय आखिर हमें साथ लाया
माना खोया बहुत कुछ जो वापिस न मिल पाएगा
त्याग हर वीर का सदा याद आयेगा
लेकिन उसे रख पीछे हम नई शुरुआत करने निकले
चलो भूले वो गम पिछले
नए युग नया मैं और नई तुम्हारी भी शुरुआत है
आने वाली उम्मीद और खुशियों की सौगात है
कुछ बदले भविष्य के लिए, कुछ रखेंगे धरोहर कल की
कठिन परीक्षा पूरी हो गई हम सब की
आज हमारा भविष्य करे सभी को आमंत्रित इस नए युग के आगाज़ में
छोटे उत्सुक आतुर हैं आपके स्वागत में
अब यह नन्हे कदमों से आगे आगे ही चलते जायेंगे
आने वाले उज्ज्वल भविष्य तक हमें यहीं जायेंगे
कुछ बदलो मैं, कुछ तुम रखो वैसा ही
आयेगी अब मनोहर सी नई जिंदगी
नए युग की स्वागत के त्योहार की हम सब को बधाई
आशीष ईश्वर का रहे हमेशा हमारे साथ ही।