नुकसान के साथ मुकाबला
नुकसान के साथ मुकाबला
ज़िन्दगी की पहेली कुछ इस तरह अनकही सी रह गई…
ना आपने मुझ से कुछ कहा, ना अब कभी कह पाओगे…
कुछ रुक सी गयी है, कुछ थम सी गयी है…
पर मैं चल रहा हूँ, सोचता हूँ कि आप कभी तो वापस आओगे…
और मुझे बुलाओगे !
ज़िन्दगी ने खेला आपके साथ एक अन्यायपूर्ण खेल…
मैं कभी भूल ना पाऊँगा…
जब भी याद आएगी, आपकी तस्वीर देख काम चलाऊँगा…
जितनी बार मिला था आपसे, एक अलग सा एहसास था..
कुछ निश्चयात्मकता मिलती थी जो कुछ अच्छा करने को उकसाती थी।
अब कहाँ से आएगी धनात्मकता मेरे अंदर...
जब मिल ही नहीं पाऊँगा, ना बात हो पाएगी..
याद है मुझको हर एक बात जो आपसे मैंने की थी…
देख कर आपकी मस्त मौला हरकतें, दिल आज भी झूमने को करता है...
पर जब सपना टूट जाता है और सच याद आता है…
कुछ थम सी जाती है ज़िन्दगी, कुछ रुक सी जाती है।
भूल नहीं सकता कभी आपको,
याद हमेशा आएगी, ज़िन्दगी चलती रहेगी,
पर कसक आपकी छोङ जाएगी।।
