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सतविन्द्र कुमार राणा 'बाल'

Drama

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सतविन्द्र कुमार राणा 'बाल'

Drama

नफरत न बढ़ा

नफरत न बढ़ा

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वक्त का विचार कर, त्योरी न चढ़ा

प्रेम का बढ़ाव कर, नफरत न बढ़ा


झूठ से बचा रहे, छोड़ न सच को

पाठ मन मुटाव का, हमको न पढ़ा।


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