शब्द बाण
शब्द बाण

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पावन गंगा से बड़ा, है किस का परिवेश
हरता सारे पाप जो, मिटा हृदय का क्लेश
मिटा हृदय का क्लेश, बड़े पद पर बैठाता
करता भय से मुक्त, दंड का दम्भ मिटाता
सतविंदर हर दाग, मिटे पा इससे धावन
मिले जिसे सानिध्य, पतित वह होता पावन।