नन्ही परी
नन्ही परी
नन्हे नन्हे पैरों के आने का इन्तजार कर रहे है दो दिल
मन मे है खुशी और तन भी झूम उठा
खुशियों से दामन भर आ रही नन्ही सी परी
जब वह आयेगी आँगन भी खिलखिला उठेगा
नन्हे नन्हे पैरों से चल।
प्रफुल्लित मन को मोह लेगी
तब उसे उठा सीने ले लगा आचल मे झुपा लूगी
उत्साह जो होगा मन में।
शब्दों से न कह सकूंगी
दो दिल की परी बन फिर सबके दिल मे बस जाएगी
ये सोच मन खुश हो रहा
जब वह मेरे घर आयेगी।
ये दिन कब पूरा होगा
जब खुद को पूरा हुआ महसूस करूंगी
कर रही मैं इन्तजार नन्हे नन्हे पैरों के आने का।