STORYMIRROR

Dimpy Goyal

Abstract

4  

Dimpy Goyal

Abstract

नन्ही गुड़िया रानी

नन्ही गुड़िया रानी

1 min
571

फूलों सी प्यारी, पापा की दुलारी 

तुम खिलौना मेरा, नन्ही गुड़िया  


तुम मुस्कुरा दो, तो सब ग़म मिटा दो  

तुम तो हो, ख़ुशियों को पुड़िया


क्यों लोग तुमको, समझते हैं बोझा 

तुम तो हो, उम्मीदों की गठरी


दो छोटे पंखों को, खुद पे सजाए 

परियों सी, अंगना में उतरी 


नन्ही  सी गुड़िया, प्यारी सी गुड़िया 


तुम,  दिल हो धड़कन, तुम ही बसी मन 

तू ही है, मेरा अरमान 


महफ़ूज़ रखे, ख़ुदा तुमको हमेशा ही 

तुझमें बसी  है, मेरी जान 


कभी भी ना तुझपे, बला कोई आए 

 ले लूँ मैं सारी बलाएँ


युहिं गुनगुना के, लोरी सुनाके

तुझको, पापा सुलायें 


सूरज बन के, दुनिया में तू चमके 

चंदा के झूले, पे खेले 


पापा के कंधे, पे बैठ कर के 

देखे तू, दुनियाँ के मेले 


नन्ही  सी गुड़िया, प्यारी सी गुड़िया 

तेरे साथ हँस दे, तेरे साथ रो दें 

पूरी हमारी तूँ  दुनिया 


तुझसे ही रौनक़, जीवन में मेरे 

सुन ले मेरी प्यारी मुनिया 


स्वीटी, परी, प्रिन्सेस, गुड़िया, 

ये नामों से, तुझको बुलाते 


पल भर, आँखों से, ओझल होना, 

हम तो नहीं सह पाते 


तूँ यह ना पहने, तू वो ना खाए 

नाटक तुझे कितने आते 


नन्ही  सी गुड़िया, प्यारी सी गुड़िया

कभी ज़िद पे आ जाए, या मान जाए 

तुमको समझ ही ना पाते 


तू मेरी दुआ है, तुझपे जान फ़िदा है 

कभी छोड़ कर के ना जाना 

इसी घर की बगिया, की चिड़िया है तूँ 

यहीं पे बसेरा बनाना 


लम्बी उमर,हो , लगे ना नज़र 

तू कोयल सी चहकना

फूलों सी रंगत, तुझपे रहे हमेशा 

पूरा हो तेरा,  हर सपना 


पूरे हो सपने, सब बेटियों के 

वो हमेशा, ही मुसकुराएँ

बेटी, ख़ुदा हर घर, में बक्शे 

हर आँगन खिलखिलाए

नन्ही  सी गुड़िया, प्यारी सी गुड़िया।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract