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Writer Rajni Sharma

Drama

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Writer Rajni Sharma

Drama

नन्हा फूल

नन्हा फूल

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कल रात हमारे आँगन में 

एक फूल खिला है कमल का 

ढेरों हैं खुशियाँ छाई,

यह देख नज़ारा अनुपम-सा 


मानो सब पंछी चहक रहे

भँवरे फूलों पर महक रहे

मनमोहक नज़ारा लाया है

खुशियों की इस होली में 

हर रंग निखर कर आया है 


चारों तरफ है धूम मची

और बज रही शहनाई है 

सब मदहोश हैं खुशियों में

एक अलग सी मस्ती छाई है


ढोल नगाड़े बज रहे

लग रहे जयकारे हैं 

सगे-संबंधी नाच रहे

देवी देवता भी पधारे हैं 

एक अलग सी खुशियाँ आई हैं 

सब दे रहे बधाई हैं 


नन्हा मुन्ना कोई आया है

सबके दिलों पर छाया है

कमल के जैसा कोमल है 

हर ओर लगी एक रौनक है


कोई मासी बनी कोई मामा बना 

हर तरफ शोर ये छाया है

नन्हा फरिश्ता संग अपने 

कितने रिश्तों को लाया है।


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