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AVINASH KUMAR

Romance

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AVINASH KUMAR

Romance

नजर

नजर

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लगी है कैसी नजर जमाने की

कोई वजह ही नहीं मुस्कुराने की,


जो था सब जलकर खाक हुआ

अब क्या जरूरत है शमां बुझाने की,


दर्द जब मिल ही गया जिंदगी भर का

अब क्या जरूरत है किसी को बताने की,


लाख बहलाओ मन को पर बहलता नहीं 

समझाओ लाख दिल को समझता नहीं,

 

आकाश में लाखों तारे गिनता नहीं 

हकीकत मेरी है कि तुम बिन दिल लगता नहीं ,


सबक लो जमाने का जमानत नहीं प्रेम में

ज़िंदा होते हुए भी तब्दील होते लाश में।



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