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Sudhir Badola

Inspirational Others

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Sudhir Badola

Inspirational Others

निश्छल प्रेम

निश्छल प्रेम

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मन के भीतर अंकित

श्रेष्ठ भावनाओं का चित्रण है

छल कपट से परे

प्रेम सत्य का दर्पण है

मातृत्व का छाँव लुटाता आँचल है

प्रेम सरल और निश्छल है ।


हर रिश्तों के साथ

प्रेम के बदलते स्वरूप हैं

श्रद्धा स्नेह भक्ति लगाव

सारे प्रेम के ही रूप हैं

मधुर स्मृतियों से संजोया पल है

प्रेम सरल और निश्छल है ।


चंद्र किरण सा शीतल

कभी नैसर्गिक महकी हवा है

मृत देह में भी प्राण फूँक दे

प्रेम हर मर्ज़ की दवा है

अमृत रूपी गंगा जल है

प्रेम सरल और निश्छल है ।


प्रेम राम की दृढ़ मर्यादा

कृष्ण की अटूट अभिलाषा है

कितना निस्वार्थ होता है प्रेम

दी मीरा ने अलग ही परिभाषा है

त्याग समर्पण का स्थाई स्थल है

प्रेम सरल और निश्छल है ।

 

 


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