STORYMIRROR

Sudhir Badola

Others

4  

Sudhir Badola

Others

पिता हूँ मैं

पिता हूँ मैं

1 min
375

 सबसे छुपा ले माथे की शिकन, वो भाव हूँ

करे हर उत्तेजना को सहज, वो शीतल जल प्रवाह हूँ

रोके कुल की तरफ़ आती हर आँधी को वो चट्टान हूँ

सीमित सामर्थ्य फिर भी हर समस्या का समाधान हूँ

आजीवन तुम्हारे हर सपनों की किस्त चुकाता हूँ

खुद को मिटाकर भी हर फ़र्ज़ निभाता हूँ

हर बर्ताव पर अक्सर तुम्हें टोकता हूँ

पर इसमें भी कहीं तुम्हारी भलाई ही सोचता हूँ

हर असमंजस के पलों का आभास हूँ

तुम्हारे डगमगाते कदमों का विश्वास हूँ

अकारण गतिशीलता में ठहराव हूँ

तुमसे जुड़े हर दायित्व का निर्वाह हूँ

हर विकट परिस्थिति की पाठशाला हूँ

हार की बेला में भी तुम्हारी जीत की माला हूँ

ना-उम्मीदी को बदल दे वो यक़ीन हूँ

सच कहूँ तुम्हारे पाँव के नीचे की ज़मीन हूँ

हरदम तुम्हें सही राह दिखाए वो मशवरा हूँ

निर्मम तपिश में भी साथ दे मित्र मैं खरा हूँ

संजीदगी की मूरत सिर्फ़ दिखने में सख़्त हूँ

परिवार को जकड़े खड़ा वो छाँव-लुटाता दरख़्त हूँ

तिनका तिनका जोड़ कर बनाया घोसला हूँ

झुके कंधों को फिर उठा ले वो हौसला हूँ

हर मुश्किल घड़ी में संपूर्ण कुटुंब को समेटा हूँ

अकेले भीष्म सा बाणों की सेज पे लेटा हूँ

खोखली भावनाओं से परे सत्य का दर्पण हूँ

जताया नहीं कभी पर त्याग और समर्पण हूँ

अपनों की ख़ातिर स्वयं के स्वप्नों की जलती चिता हूँ

कठोर सहनशील मगर ज़िम्मेदार एक पिता हूँ

                           

   


Rate this content
Log in