निज दायित्व निभाएं
निज दायित्व निभाएं
निज दायित्व निभाएं,
रख निज जीवन सादा।
न यह चिंता करें हम
मिला कम या ज्यादा।
हो निश्चय सुदृढ़ और,
चट्टान सम हो इरादा।
जो संकल्प शुभ है,
शक्ति लगा दें सकल।
भले अधिक देर लगे,
पर हम होंगे सफल।
प्रभु सहायक बनेंगे,
यह तो है मेरा वादा।
हर चाहत तो हमारी ,
प्रभु पूरी भी न करते।
जो होता कल्याणकारी,
वही वरदान आशीष देते।
देते हैं उचित ही सबको,
न कम और न ज्यादा।
सदा ही सोचते हैं हम,
होना चाहिए बस ऐसा।
सदा वह न हो पाता है,
हम जो चाहते हैं वैसा।
सदा ही न्यायपूर्ण होता,
परमपिता का हर इरादा।