नीरज चौपड़ा के सम्मान में मुक्तक
नीरज चौपड़ा के सम्मान में मुक्तक
महाबली बन काम आए जब देश को पड़ी जरूरत,
लेकर हिम्मत बढ़ चले फिर ओलम्पिक तक तुम रथ,
कई हारे कोई बात नही हार जीत के खेल ही होता,
जीते तुम बधाई हो नीरज तुम्हें नमन हमारा शत् शत्।
मान बढ़ाया फिर से देखो एक वीर ने भाला फेंक,
चित हुए विरोधी उसके हवा में हिम्मत उछाला देख,
डाल गले सोने का मेडल सीना गर्व से फूल गया,
गद् गद् हुआ देश खुशी से तेरे सा दिलवाला देख।
जय हिन्द ! जय भारत !