प्रेम का जन्म
प्रेम का जन्म
प्रेम
प्रेम
होता
है
आत्मा
के
गर्भ
से
जन्म
लेता
है
और
अनजाने
में
किसी
रूह
में
समा
जाता
है
फिर
रूह
का
हमेशा
के
लिए
हो
जाता
है।
प्रेम
प्रेम
होता
है
आत्मा
के
गर्भ
से
जन्म
लेता
है
और
अनजाने
में
किसी
रूह
में
समा
जाता
है
फिर
रूह
का
हमेशा
के
लिए
हो
जाता
है।