ritesh deo

Abstract

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ritesh deo

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इश्क

इश्क

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तुम्हारे बाद भी इश्क है..।।

इश्क क्या है आओ तुम्हे बताते हैं

तुम्हारी तस्वीर को देखते ही जाते हैं


मैं और मेरा कमरा खामोश रहता है

मोबाईल की गैलरी में ध्यान रहता है


मेरी आंखें सिर्फ तुम्हारा दीदार करती हैं

मोहब्बत क्या है ये हमारी आंखे कहती हैं 


आओ मेरे ख्वाबों में तुमको दिखाते हैं

तुम्हारी तस्वीर को अपने ह्रदय से लगाते हैं 


मैं बंजर भूमि तो तुम हरियाली लगती हो

मेरे दिल के अंधेरे में रोशनी भरती हो


मेरे जिस्म के हिस्से में तुम्हारा हिस्सा जुड़ता है

तुम्हारे बिना हमारा दिल विरान सा लगता है


तुम्हारी आंखों में आंखें भर के देखता रहता हूं

एक बात से अनगिनत बाते कहता रहता हूं


ये इश्क है की पागल पन सवार हो रहा है

इश्क तुम्हारे बाद भी इश्क का खुमार चढ़ रहा है.


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