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GAURAV AGRAWAL

Romance

3  

GAURAV AGRAWAL

Romance

नींद और ख्वाब

नींद और ख्वाब

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कुछ अजीब ही है नींद,


आने लगे तो डरता हूँ, 

तुझसे बातों का वक्त कम न पड़ जाए कहीं


न आए तो डरता हूँ,

ख्वाबों में तुझसे मुलाकात रह न जाए कहीं


तुझे आए, पर मुझे नहीं,

तो लगता है, तन्हा..अकेला रह गया कहीं


मुझे आए, पर तुझे नहीं,

तो लगता है, दगा तो नहीं दिया मैंने कहीं...


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