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Kawaljeet Gill

Abstract Others

4.0  

Kawaljeet Gill

Abstract Others

नहीं वो तुम नहीं थे

नहीं वो तुम नहीं थे

1 min
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नहीं वो तुम नहीं थे जिसको हमने कभी प्यार की राहों पर रोते हुए देखा था,

क्योंकि रोने वाले लोग कभी भूले से किसी और को रुलाते नहीं,

तुम तो हर वक्त अब लोगों का मजाक बनाते फिरते हो,

इतने बदल कैसे गए तुम हम को जरा ये तो बताओ मुझको,


सुना है प्यार के धोखे से लोग दीवाने मजनूँ से हो जाते है,

दर्द में हर पल रोते है और मुरझा जाते है,

तुम वो तो अब लगते नहीं तुम तो दिलों से अब खेलते हो,

तुम तो हमको को अब कोई प्ले बॉय से लगते हो,


लोगों के दिलों से यूँ खेलना अच्छा नहीं होता,

किसी को हर पल यूँ सताना अच्छा नहीं होता,

किसी की दुआएं ले लो दिलों को जोड़ जोड़ कर,

दिलों से खेल कर तुम ना किसी की बद्दुआ लो,

कभी थे तुम हमारे अच्छे दोस्त ये सलाह हमारी मान लो तुम।


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