नेताजी
नेताजी
आया था एक चमकता तारा
देके गया आजाद हिंद का नारा
ना झुका था ना रुका था
आजादी की राह पर सदा डटा था
"बोला था मुझे तुम खून दो
में तुम्हे आजादी दुंगा"
ये नारा आजादी की आग को
हवा से ज्यादा भडकाया था
छुप छुपाते गोरे अंग्रेजों से
बहुत लडा था अपनी जांबाजी से
रंग लाया एक दिन उनका संघर्ष
भारत को आजादी मिलने का हुआ राह प्रशस्त
अचानक एक दिन कहा गुम हुए
सारे भारत में सदमे की लहर छाए
मिली देर से हम भारतीयों को आजादी
ना भूली है महान बलिदानों को हमारी आबादी
आज हम भी तुम्हें नेताजी सदा करते हैं नमन
तुमको याद करता है ये तुम्हारा प्यारा सा वतन ।।
