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subrat kumar jena

Drama Romance Tragedy

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subrat kumar jena

Drama Romance Tragedy

कल की बात थी

कल की बात थी

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जो बदल गया देखते देखते,

कोशिश तो खूब किए थे तुम और में,

मगर परछाईं थी बहुत दूर,

जाना था हमें कहीं और आ गये कहीं,

छुपते छुपाते सबसे नजर चुराते,

वो लम्हा वो घड़ी थी अनजान ,

कुछ सपना कुछ हक़ीकत में खोए,

बस चल पड़े थे हम खाली झोले लिए,

भरोसा तो था किस्मत पर,

नहीं छोड़ेगा यूँ ही अनजाने राह पर,

मंज़िल था आँखों के उस पार,

मगर क्या करे हमको तो जाना था यार,

यूँ ही जो आज है वो कल को बदल जायेगा,

जो कल था वो इतिहास में अक्षोरों से लिखा जाएगा।।


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