गुमशुदा है जिंदगी
गुमशुदा है जिंदगी
गुमशुदा ज़िन्दगी...
ना जाने ढूंढू उसे कहां कहां,
शायद मेरी किस्मत ले जाये जहां।
तू मिलेगी या ना मिलेगी,
मगर कसम है तेरी, ढूंढूंगी तुझे सारा जहां।
कहां गया वो सपना,
जो देखा करते थे मेरे नयन।
मेरे किस्मत थी फूटी,
क्यूँ बार बार ठुकराते मुझे ओ सनम।
इतने इम्तिहां ना लिया कर,
मैं शर्म से डूब मरूँ तेरे लिए।
बस छोड़ दे वो नादानी,
वरना आग में खाक हो जाऊं तेरे लिए।
प्यार कर या कर नफरत,
सिर्फ एक बार जुबान खोल के तो देख ले,
तू कहे तो मैं ये जन्म,
तेरे लिए कर दूँ कुर्बान, ये बात समझ ले!