छाती पे तेरे मूंग दलेंगे ऐसे जांबाज अभी बाकी है। छाती पे तेरे मूंग दलेंगे ऐसे जांबाज अभी बाकी है।
भारत मां का वीर सिपाही। यहाँ विजयी हुंकार भरेगा, भारत मां का वीर सिपाही। यहाँ विजयी हुंकार भरेगा,
गलती भी बोलती है, तुझसे अच्छी जांबाज हूँ गलती भी बोलती है, तुझसे अच्छी जांबाज हूँ
फौजी बनकर रक्षा करने आयेंगे हम, तिरंगे की शान बन कर दिखलायेंगे हम। फौजी बनकर रक्षा करने आयेंगे हम, तिरंगे की शान बन कर दिखलायेंगे हम।
ज़रा संभलने से गिरने से बच जाओगे, ना पीनी पड़ेगी तुम्हें जहरीली शराब ज़रा संभलने से गिरने से बच जाओगे, ना पीनी पड़ेगी तुम्हें जहरीली शराब
हर बुराई से डरते रहें, निडर होकर भलाई करते रहें... यह सीख देती यह कविता बहुत ही अनुकरणीय लगती है... हर बुराई से डरते रहें, निडर होकर भलाई करते रहें... यह सीख देती यह कविता बहुत ही ...