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Sandeep Kumar

Abstract

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Sandeep Kumar

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नेता मंत्री ठेकेदार लुट रहा भरे बाजार।।

नेता मंत्री ठेकेदार लुट रहा भरे बाजार।।

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नेता मंत्री ठेकेदार

लुट रहा भरे बाजार।

पैकेज से हैं इनको प्यार

इसपर ना करता कभी सवाल।


7 वां वेतन इनके दरबार

24 घंटा करता परोपकार

ऐसा यह तो कहता है

सेवा जनता का करता है।


अदम्य साहस के बल पर

गलत पर सवाल उठाता है

बवाल खड़ा कर के लाभ

का हिसाब पहले देख लेता है।


भोले भाले जनता को

मुर्ख बनाने से ना चुकता

फायदा जहां से मिलता है

खड़ा वहीं पर मिलता है।।


भाषण दीन रात सच्चाई पर

करने से न चुकता हैं

उपर से नीचे तक

खंगालने से भी ना सच मिलता है

नेता परोपकार का काम करता है।


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