नेता हमने चुने
नेता हमने चुने
नेता नहीं बैठे ईमान बेचकर,
इन्हें हमने ही चुना है इनके गुण देखकर।
यह सारे हमारे ही चुने पहरेदार हैं,
फिर इन पर हमें क्यों धिक्कार हे।
बैठते हैं जब सारे देश को लूट कर
बढ़ती है बेरोजगारी तो उसे देखकर।
बोलते हम नेता ने फैलाया भ्रष्टाचार
मन में आता विचार यह नेता तो गद्दार है।।
भैया जी संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं।
इन नारों को लगवाने वाला कौन जिम्मेदार
वोट बेचकर बड़ा बोतल में जिनका का हाथ है,
भारत की इस हालत में सब बराबर हकदार है ।
कीकर को पानी देकर सोचते हैं, कि पीपल जैसी छाया देंगे ।
जब चोरों को घर में बसाया है,तो चोरी क्या पड़ोस में करेंगे।